Car Insurance Tips: कार इंश्योरेंस लेना सभी गाड़ी मालिकों के लिए अनिवार्य है, खासकर भारत में, जहां नई गाड़ी के साथ इंश्योरेंस लेना अब आवश्यक कर दिया गया है। हालांकि, कई लोगों को लगता है कि इंश्योरेंस होने से गाड़ी में आई हर खराबी का क्लेम मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता। कुछ खास मामलों में इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से इनकार कर देती है, चाहे आपकी पॉलिसी कंप्रिहेंसिव हो या जीरो डिप्रेशिएशन वाली। आइए जानते हैं ऐसे मामलों के बारे में जब आपको क्लेम नहीं मिलेगा।

किन मामलों में नहीं मिलेगा पैसा?

1. मैकेनिकल खराबी की स्थिति में अगर आपकी गाड़ी चलते-चलते बंद हो जाती है, या इंजन, ट्रांसमिशन या किसी अन्य इलेक्ट्रिकल पार्ट में कोई समस्या आ जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी से आपको कोई क्लेम नहीं मिलेगा। मैकेनिकल खराबी को सामान्य दिक्कत माना जाता है, जो इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होती।

2. टायर घिसना और ब्रेक पैड्स खराब होने पर आपको इंश्योरेंस कम्पनी कोई पैसा नहीं देती है। इन्हें मेंटेनेंस का हिस्सा माना जाता है और यह पॉलिसी के तहत कवर नहीं होते।

3. यदि आप शराब पीकर गाड़ी चला रहे हैं और उस दौरान आपके द्वारा कोई एक्सीडेंट हो गया तो गाड़ी के नुकसान पर इंश्योरेंस कंपनी आपको कोई क्लेम नहीं देगी। ऐसे मामलों में, आपको अपनी गाड़ी खुद ही ठीक करवानी पड़ेगी क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसी ऐसे नियमों के उल्लंघन पर कवर प्रदान नहीं करती।

4. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना अपराध माना जाता है। यदि आपके पास डीएल नहीं है और गाड़ी चलाते समय आप एक्सीडेंट कर देते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको क्लेम नहीं देगी। ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य है, और इसके बिना ड्राइविंग करने पर कोई भी नुकसान पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता है।

5. बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन करने पर भी आपको इंश्योरेंस कोई क्लेम नहीं मिलता है। मतलब यह है कि जब आप कार इंश्योरेंस लेते हैं, तो उसमें कुछ शर्तें होती हैं। अगर आप इन शर्तों का उल्लंघन करते हैं, जैसे कि गाड़ी का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए करना, तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है। इसलिए हमेशा अपनी पॉलिसी की शर्तों का पालन करें।

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