OROP 2024: भारत सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना के तहत पेंशन और पारिवारिक लाभों में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है। इस बदलाव का उद्देश्य अनुभवी पेंशनभोगियों द्वारा वर्षों से उठाए जा रहे असमानताओं के मुद्दों का समाधान करना है। यह संशोधन 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा और इसका सीधा असर सेना, नौसेना, वायुसेना और अन्य रक्षा संगठनों के रिटायर्ड कर्मियों और उनके परिवारों पर पड़ेगा।

OROP में बदलाव का किसको होगा फायदा?
रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह संशोधन सेना के उन सभी कर्मियों पर लागू होगा जो या तो सर्विस से रिटायर हो चुके हैं, सेवामुक्त हुए हैं या सर्विस के दौरान जिनकी मृत्यु हो गई है। इसमें कमीशन प्राप्त अधिकारी, JCO/OR और गैर-लड़ाकू कर्मी शामिल हैं, बशर्ते वे 1 जुलाई 2024 तक पेंशन प्राप्त कर रहे हों। हालांकि, जो पेंशनभोगी समय से पहले रिटायर्ड या स्वयं के अनुरोध पर 1 जुलाई 2014 को या उसके बाद रिटायर्ड हुए हैं, वे इस लाभ के लिए पात्र नहीं होंगे।

OROP की रिवाइज पेंशन रेट किन रैंक के कर्मियों पर होगी लागू?
संशोधित पेंशन दरें संबंधित कर्मियों की रैंक, समूह और सर्विस की योग्यता के आधार पर निर्धारित की जाएंगी। यह दरें 2023 में रिटायर्ड कर्मियों के डेटा के आधार पर तय की गई हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हाई क्वालिफिकेशन सर्विस वाले कर्मियों को हमेशा मिनिमम पेंशन से अधिक मिले, ताकि असमानता का समाधान किया जा सके।

OROP में बदलाव के पीछे क्या है सरकार का मकसद
यदि किसी रैंक में हाई क्वालिफिकेशन सर्विस की दरें लो क्वालिफिकेशन सर्विस की दरों से कम हों, तो उन्हें कम योग्यता सर्विस की हाई रेट से प्रोटेक्ट किया गया है। वहीं, अगर निचले रैंक की दर हाई रैंक में लो क्वालिफिकेशन सर्विस की दर से ज्यादा हो, तो निचले रैंक की दर को हाई सर्विस क्वालिफिकेशन योग्यता में प्रोटेक्ट किया गया है।

OROP से किसे होगा फायदा?
इस संशोधन के तहत जो पेंशनभोगी पहले से अधिक एमाउंट प्राप्त कर रहे हैं, उनकी पेंशन में कोई बदलाव नहीं होगा। इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन की नई दरें हाई क्वालिफिकेशन सर्विस वाले कर्मियों के लिए लो क्वालिफिकेशन सर्विस वाले कर्मियों से कम न हों।  OROP योजना में यह संशोधन रिटायर्ड कर्मियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से पेंशन असमानताओं का सामना कर रहे थे।

 

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