MSP: मोदी 3.0 गर्वनमेंट जल्द ही किसानों के लिए और गुड न्यूज लाने की तैयारी में है। किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त की घोषणा के बाद अब मोदी गर्वनमेंट फसलों की MSP पर घोषणा की तैयारी कर रही है। 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए खरीफ फसलों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) की घोषणा करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार सरकार MSP में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा कर सकती है। तुअर और उड़द जैसी दालों के लिए एमएसपी में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।

कितने प्रतिशत MSP बढ़ाने की है तैयारी?
ET NOW की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने जारी रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार खरीफ और रबी सीजन 2023-24 के लिए MSP ने सभी फसलों के लिए प्रोडक्शन लागत पर 50 प्रतिशत का मिनिमम रिटर्न सुनिश्चित किया है। 2023-24 में खरीफ फसलों के लिए MSP में 5.3 से 10.4 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 2.0 से 7.1 प्रतिशत की ग्रोथ की गई। खरीफ फसलों में मूंग के MSP में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जबकि रबी फसलों में मसूर और गेहूं के लिए यह वृद्धि सबसे अधिक रही।

पिछले साल इसी महीने में गर्वनमेंट ने बढ़ाई थी MSP
सरकार ने जून 2023 में किसानों को फसल के तहत अधिक क्षेत्र लाने और उनकी इनकम बढ़ाने के साथ उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए धान के MSP को 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। धान मुख्य खरीफ फसल है, जिसकी बुवाई आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल जून-सितंबर की अवधि के लिए सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है।

आखिर क्या है MSP?
मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) खरीफ और रबी सीजन में उगाई जाने वाली चुनिंदा फसलों के लिए मिनिमम प्राइज है, जिसे गर्वनमेंट किसानों के लिए लाभकारी मानती है और इसलिए सपोर्ट की हकदार है। फसलों के लिए MSP की घोषणा आम तौर पर बुवाई/रोपण के मौसम से पहले की जाती है। सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CSP) की सिफारिशों, राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के विचारों के आधार पर 22 अनिवार्य एग्रीकल्चर फसलों के लिए MSP तय करती है। MSP खरीद प्राईज और ईश्यू प्राइज से अलग है।

 


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