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11 साल का लखन अपने भाई करण बहन अंजलि और दादी के साथ डुमस तट पर गणेश विसर्जन देखने गया था तभी वह समंदर में बह गया।
परिवार के लोग लखन को विसर्जन के अगले दिन तक ढूंढते रहे लेकिन लखन नहीं मिला जिसके बाद परिवार को यह यकीन हो गया कि अब लखन वापस नहीं आएगा।
तट से 18 नॉटिकल्स मील की दूरी पर लखन समुद्र के अंदर था। वहां से मछली पकड़ने वाली नवदुर्गा गुजरी। लखन ने आवाज लगाई और हाथ हिलाया जिसे देख मछुआरे वहां पहुंच गए।
गहरे समुद्र में विसर्जित की गई गणेश मूर्ति की लकड़ी के फ्रेम को लखन 24 घंटे तक पड़े हुए था।
लखन को नवसारी के धुवाली बंदरगाह पर मछुआरे लेकर आए और पुलिस और परिवार को सूचना दी जिसके बाद बच्चे को अस्पताल में एडमिट कराया गया।
ऐसे चमत्कार की खबर पर लखन को देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गई। सबको हैरत थी कि इतना छोटा बच्चा 24 घंटे तक पानी के अंदर कैसे गणेश मूर्ति के सहारे डूबने से बच गया।