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सिख धर्म के लोगों के लिए करतारपुर गांव एक ऐतिहासिक जगह है क्योंकि गुरु नानक देव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 18 साल इसी गांव में गुज़ारे थे।
करतारपुर साहब भारत पाकिस्तान की सीमा से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, इसी वजह से यह गुरुद्वारा पूरी दुनिया में मशहूर है।
पाकिस्तान की सरहद के अंदर मौजूद करतारपुर साहिब दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा कहा जाता है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए आपको वीजा लेने की जरूरत नहीं है सिर्फ वैलिड पासपोर्ट की जरूरत होती है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सुबह 8:00 बजे खुलता है और दोपहर 3:00 बजे तक यहां की यात्रा चलती है इसलिए सूर्यास्त से पहले यहां से लौटना होता है।
गुरुद्वारा जाने वाले लोगों को सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वालों को ईमेल करना होता है फिट इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण के माध्यम से अनुमति दी जाती है और उन्हें यात्रा करते समय इसकी एक कॉपी साथ रखनी होती है।
तीर्थयातियों के पास वैलिड पासपोर्ट ब्लड ग्रुप की जानकारी, पासपोर्ट साइज फोटो की स्कैन कॉपी और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी जरूरी है।