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दुनिया में धार्मिक मान्यताओं के आधार पर शव के अंतिम संस्कार का प्रावधान है। इसी तरह रोसांगोला अल्मेडा की मौत के बाद परिवारवालों ने उसके शव को ताबूत में रखकर दफना दिया था।
अल्मेडा को दफनाए हुए 11 दिन बीत चुके थे, तभी कुछ ऐसा हुआ जिससे हर किसी का दिल दहल उठा। आसपास स्थित लोगों को कब्र से आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सबके मन में एक ही सवाल था कि आखिर ये सब हो कैसे रहा है? परिवारवालों ने शक को दूर करने के लिए दोबारा कब्र खुदवाई और अंदर का नजारा देखकर सन्न रह गए।
पत्थर की कब्र तोड़ने के बाद रोसांगेला को बेजान पाया गया लेकिन उसकी हालत देखकर कुछ और ही लग रहा था।
आशंका जताई जा रही है परिवारवालों ने रोसांगोला को जिंदा दफना दिया था।
माना जा रहा है, महिला कई दिनों तक कब्र में बेहोश रही और बाहर आने की कोशिश की करती रही। जिससे उसकी कलाइयों में चोट लगी।
रोसांगोला ने कब्र से निकलने की काफी कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुई। आखिर में दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
लोगों का कहना है, कब्र से चीखने की आवाजें आ रही थीं। जिसके बाद महिला के परिवारवालों को सूचना दी गई थी।