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शो से पहले हनुमान चालीसा, शराबखाने में जॉब !ऐसी थी पंकज उधास की ज़िंदगी

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पंकज उदास का निधन

ग़ज़ल गायक पंकज उदास का आज निधन हो गया।  इस खबर के बाद बॉलीवुड के पंकज के फैंस काफी उदास हैं। 

 

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लम्बा संघर्ष रहा है पंकज का

जमींदार घराने से ताल्लुक रखने वाले पंकज का  संगीत की दुनिया से कोई लेना देना नही था। Masters  डिग्री लेने के बाद पंकज बार में काम करने लग गए।

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मां गाती थी शादियों में गाना

पंकज की मां शादी विवाह में गाना गाया करती थीं।  पंकज के भाई निर्मल और मनहर भी संगीत की दुनिया से जुड़े। मनहर एक जाने-माने पार्श्व गायक रहे और निर्मल भी एक प्रसिद्ध गजल गायक हैं ।

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सिनेमा में पहला मौका

 

हिंदी सिनेमा में पंकज को पहला मौका मिला 1972 में आई फिल्म कामना से। इस फिल्म में गाने का मौका दिया गया। यह फिल्म तो फ्लॉप रही लेकिन पंकज के गाने की काफी प्रशंसा हुई।

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कनाडा में 10 महीने

हिंदी सिनेमा में सफलता न मिलने पर पंकज कनाडा चले गए। कनाडा और अमेरिका में उन्होंने छोटे-मोटे स्टेज शो किए। करीब 10 महीने विदेश में बिताने के बाद पंकज फिर से स्वदेश लौट आए।

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देश की पहली सीडी

कैसेट के दौर में देश में पहला सीडी एल्बम पंकज की गजलों से लांच किया गया।1987 में म्यूजिक इंडिया ने शगुफ्ता एल्बम लांच किया। पंकज उधास की आवाज से सजा यह एल्बम काफी लोकप्रिय रहा।

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हर शो से पहले हनुमान चालीसा

एक शो के दौरान पंकज ने खुलासा किया था कि आज भी वह किसी भी कार्यक्रम को शुरू करने से पहले हनुमान चालीसा जरूर पढ़ते हैं। 

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पद्मश्री से सम्मानित

साल 2006 में अपनी गज़ल गायिकी के 25 वर्ष पूरे होने पर पंकज उधास को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए. पी.जे.अब्दुल कलाम के हाथों पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

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