कमरे के टेम्प्रेचर पर शुद्ध देसी घी की बनावट दानेदार होती है, यदि यह चिकना और मोम जैसा लगे तो इसमें मिलावट हो सकती है।
शुद्ध देसी घी पैन में गर्म करने पर अखरोट सी सुगंध आती है, जबकि मिलावटी घी से आर्टिफिशियल या कुछ जलने की बू आ सकती है।
एक चम्मच घी 15-20 मिनट फ्रीज में रखने के बाद समान रूप से जम जाएगा, जबकि मिलावटी घी के जमने का रेशियो अलग हो सकता है।
एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच घी डालने पर शुद्ध घी पूरी तरह से घुल जाएगा। जबकि अशुद्धियां एक परत के रूप में तैरती हुई दिखाई देती हैं।
घी में आयोडीन की कुछ बूंदें डालने पर यदि रंग नीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें स्टार्च की मिलावट है।
घी यदि गर्म होने पर जल्दी धुआं छोड़ने लगे, तो उसमें मिलावट हो सकती है।
शुद्ध देसी घी का स्वाद थोड़ा मीठा और गाढ़ा होता है न कि फीका या खराब।
अपनी हथेलियों के बीच थोड़ी मात्रा में घी रगड़ने पर वह चिकना और थोड़ा तैलीय लगेगा। मोम जैसा नहीं फील होगा।
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