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दिवाली की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के चिलिंग प्लांट में मिलावटी दूध बनाने का खुलासा हुआ है। यह दूध सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
बुलंदशहर के पोटा खुशहालपुर गांव के चिलिंग प्लांट में मिलावटी दूध बनाया जा रहा था। प्लांट मालिक ने 700 लीटर असली दूध में 50-60 लीटर सिंथेटिक दूध मिलाने की बात कबूल की।
यह मिलावटी दूध दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में सप्लाई किया जा रहा था। खाद्य विभाग ने 700 लीटर सिंथेटिक दूध नष्ट कर दिया।
दूध की बूंदें कांच पर डालें। अगर धारियां छोड़ता है, तो शुद्ध है।
दूध को हिलाने पर तेल की परत दिखे तो मिलावट हो सकती है।
साबुन जैसी गंध या उबालने पर रंग में बदलाव संकेत हो सकते हैं।
आयोडीन की बूंद डालें, अगर रंग नीला हो जाए तो स्टार्च मिला है।
अधिक झाग बने तो डिटर्जेंट की मिलावट हो सकती है।