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ज्यादातर भारतीय घरों में रोटी-चावल खाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट से भरे ब्रेड, रोटी, ओट्स, आलू का सेवन अक्सर लोग वजन कम करने के लिए छोड़ देते हैं।
कार्ब डाइट खाने से शरीर को ग्लूकोज मिलता है और व्यक्ति को शरीर में एनर्जी महसूस होती है। जब कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को छोड़ दिया जाता है तो शरीर में बुरे प्रभाव पड़ने लगते हैं।
कार्ब शरीर में न पहुंचने पर वजन में अचानक से कमी आ जाती है। ग्लाइकोजन की मात्रा शरीर में कम हो जाती है और मसल्स में मौजूद पानी बाहर निकलने लगता है।
ऐसे में लोग खुश हो जाते हैं और समझते हैं कि रोटी-चावल और कार्ब युक्त छोड़कर वेट घटाना अच्छा तरीका है। लेकिन ये बिल्कुल सच नहीं है।
जब व्यक्ति दोबारा कार्ब डाइट शुरू कर देता है तो वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है। शरीर में कार्ब की कमी से बहुत से लक्षण दिखने लगते हैं।
अगर आप रोटी-चावल 1 माह तक छोड़ देंगे तो सिरदर्द, कमजोरी, थकान, उल्टी जैसा महसूस होगा। आपको एनर्जी फील ही नहीं होगी। इस कंडीशन को कीटो फ्लू कहते हैं।
शरीर में कार्ब न होने से ब्लड शुगर लेवल भी गड़बड़ हो जाता है। व्यक्ति को धुंधला दिखता है। साथ ही चक्कर जैसा भी महसूस होता है।
कार्बोहाइड्रेट डाइट का सेवन न करने से फाइब्स की कमी कब्ज पैदा कर देती है। वेट लॉस के लिए रोटी-चावल न छोड़े बल्कि हेल्दी डाइट के साथ एक्सरसाइज करें।