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छठ पूजा में क्यों देते हैं सूर्य को अर्घ्य? जानें इसके फायदे

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छठ पूजा 4 दिन का पर्व

छठ पूजा के 4 दिनी पर्व में पहला दिन नहाय खाय, दूसरा दिन: खरना (व्रत का आरंभ), तीसरा दिन: डूबते सूर्य को अर्घ्य, चौथा दिन: उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

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छठ पूजा 2024: 7 और 8 नवम्बर को अर्घ्य

छठ पूजा 2024 में डूबते सूर्य को अर्घ्य: 7 नवंबर 2024 और उगते सूर्य को अर्घ्य: 8 नवंबर 2024 को दिया जाएगा।

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सूर्य को अर्घ्य देने का प्रतीकात्मक अर्थ क्या?

सूर्य को डूबते समय अर्घ्य देना धैर्य और उम्मीद का प्रतीक है, जो हमें याद दिलाता है कि हर डूबता सूर्य फिर से उगेगा। 

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डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लाभ

मान्यता है कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से सौभाग्य, धैर्य और आत्मबल की प्राप्ति होती है। 

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उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लाभ

उगते सूर्य (और उनकी पत्नी उषा) को अर्घ्य देने से परिवार में उन्नति, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। 

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मिलता है अच्‍छी सेहत और लंबी आयु

सूर्य पूजा बच्चों को उज्ज्वल जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और रोगों से सुरक्षा का आशीर्वाद देती है। 

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आध्यात्मिक विकास में सहायक

सूर्य को अर्घ्य देने से नकारात्मकता दूर होती है, जिससे हम सकारात्मकता और प्रकाश की ओर बढ़ते हैं। 

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शनि के दुष्प्रभाव से सुरक्षा

छठ पूजा में सूर्य पूजा से शनि के बुरे प्रभावों में कमी आती है और करियर में सफलता मिलती है। 

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समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी

नियमित सूर्य पूजा से समाज में मान-सम्मान बनाए रखने में मदद मिलती है। 
 

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माता-पिता और बच्चों के रिश्तों पर असर

अर्घ्य देने से बच्चों और उनके पिता के बीच संबंध मजबूत होते हैं, जिससे परिवार में सुखद माहौल बनता है।
 

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