ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन रहेगी, जिससे इस बार दीपोत्सव का समय बढ़ गया है।
Image credits: pinterest
अमावस्या को लक्ष्मी पूजा की परंपरा
कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर की दोपहर से शुरू होगी और अगले दिन की शाम तक चलेगी। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा की परंपरा है। आइए जानते हैं दीपोत्सव की तारीखें।
Image credits: Getty
29 अक्टूबर - धनतेरस
धनतेरस से दीपोत्सव की शुरुआत होगी। इस दिन भगवान धनवंतरि जयंती मनाई जाती है। रात में यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा है।
Image credits: adobe stock
30 अक्टूबर - रूप चौदस
इस दिन उबटन लगाने की परंपरा है, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
Image credits: pinterest
31 अक्टूबर - लक्ष्मी पूजा
देवी लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं।
Image credits: Getty
1 नवंबर - कार्तिक अमावस्या
इस दिन स्नान-दान और पितरों के लिए धूप-ध्यान करने की परंपरा है।
Image credits: Getty
2 नवंबर - गोवर्धन पूजा
इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण ने इस पर्वत की पूजा करने की सलाह दी थी।
Image credits: adobe stock
3 नवंबर - भाई दूज
यह पर्व यमराज और यमुना से संबंधित है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन करते हैं।