सफलता पाने के लिए ना जाने कितने संघर्ष करने पड़ते हैं और की गई मेहनत कभी खराब नहीं जाती। जिसे सच कर दिखाया पूनम गुप्ता ने जो कभी नौकरी के लिए भटकती थीं और आज खुद नौकरी दे रही है।
दिल्ली में जन्मी पूनम गुप्ता आज NRI बिजनेसवुमन हैं। जिन्होंने दिल्ली से स्कूली और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। पढ़ाई के बाद उनकी शादी हो गई और वह स्कॉटलैंड चली गईं।
एमबीए करने के बाद पूनम जॉब करना चाहती थीं लेकिन शादी हो गई। वह स्कॉटलैंड में नौकरी तलाशने लगी लेकिन एक्सपिरियंस होने के कारण उन्हें कई कठनाइयों क सामना करना पड़ा।
पूनम कई बार इंटरव्यू में रिजेक्ट हुईं। इसी बीच वह एक कंपनी इंटरव्यू देने गईं जहां उन्होंने देखा की रद्दी कागज कंपनियों के लिए सिरदर्द है। बस यहीं से उन्होंने बिजनेस करने की ठानी।
कंपनियां रद्दी कागजों को खत्म करने में पैसा खर्च करती हैं। ऐसे में उन्हीं रद्दी कागजों को रिसाइकिल किया जा सकता है। इस आइडिया पर पूनम ने 10 महीनें तक रिसर्स की और प्लान बना लिया।
पूनम ने किसी तरह 1 लाख रुपए से रद्दी कागज को रिसाइकल करने का काम किया। वह बड़ी-बड़ी कंपनियों से रद्दी कागज खरीदती और रिसाइकिल के बाद अच्छी क्वालिटी पेपर उन्हें वापस बेच देती।
पूनम गुप्ता की मेहनत आखिर रंग लाई ही गई। आज वह बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ टाइअप करती हैं। स्कॉटलैंड से शुरु ये बिजनेस आज 60 देशों में फैला है। उन्होंने कंपनी का नाम PG Paper रखा।
जॉब के लिए भटकने वाली पूनम मे मेहनत के दम पर बिजनेस को 1 लाख से 800 करोड़ का बना दिया अमेरिका,चीन भारत समेत कई देशों में ये कंपनी मौजूद है। जो रद्दी पेपर्स की रिसाइकलिंग करती है।