ममता कुलकर्णी, 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री, अब बन चुकी हैं संन्यासी। उन्होंने महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में किन्नर अखाड़े से दीक्षा ली है।
24 जनवरी 2025 को ममता ने संन्यास की दीक्षा ली। उन्हें ‘श्री यामाई ममता नंद गिरि’ नाम से नई पहचान मिली है।
यह दीक्षा किन्नर अखाड़े के स्वामी डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और स्वामी जय अंबानंद गिरी के सानिध्य में हुई।
संन्यास की दीक्षा के बाद ममता ने पिंडदान किया। शाम 6 बजे उनका पट्टा अभिषेक हुआ और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया।
ममता ने अपना करियर 1991 में तमिल फिल्म ‘नन्नबरगल’ से शुरू किया। 1992 में हिंदी फिल्म ‘मेरे दिल तेरे लिए’ से बॉलीवुड में कदम रखा।
‘करण अर्जुन’ (1995) में सलमान खान के साथ उनकी जोड़ी ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई। इसके बाद उन्होंने ‘नसीब’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’, ‘घातक’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया।
ममता का नाम ड्रग्स केस और डॉन विक्की गोस्वामी से जुड़ा। इन विवादों के बाद वह फिल्मों से गायब हो गईं और दुबई में रहने लगीं। लंबे समय बाद भारत लौटकर उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग चुना।
महाकुंभ 2025 में दीक्षा लेकर उन्होंने संन्यासी बनने का फैसला लिया। अब ममता आध्यात्मिक जीवन में नई शुरुआत कर रही हैं। उनकी यह यात्रा चर्चा का विषय बनी हुई है।