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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में हर दिन हजारों भक्त पवित्र गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष और पापों से मुक्ति की कामना कर रहे हैं।
महाकुंभ स्नान को पितृदोष निवारण का एक अद्भुत अवसर माना गया है। यहां जानें, स्नान के बाद कौन-से 4 काम करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
स्नान के बाद हाथ में थोड़ा गंगाजल लें और पितरों को अर्पित करें। पितरों से अपनी भूलचूक के लिए क्षमा याचना करें। यह उपाय पितृदोष से मुक्ति के लिए प्रभावी माना गया है।
स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके साथ, दान-पुण्य करें ताकि पितरों की कृपा प्राप्त हो। मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
कुंभ में जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करें। श्राद्धकर्म और पिंडदान से पितरों को शांति मिलती है। यह उपाय पितृ दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
महाकुंभ में साधु-संतों की सेवा करना भी पितृदोष निवारण का एक महत्वपूर्ण उपाय है। साधु-संतों की सेवा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
परिवार में लड़ाई-झगड़े और तनाव। नौकरी और व्यापार में रुकावटें। घर में पीपल का पेड़ उगना पितृदोष का संकेत। वंश बढ़ाने में दिक्कतें।