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भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए भारत से 62 हिंदुओं का एक जत्था लाहौर पहुंच गया है.
पाकिस्तान में कटसराज शिव मंदिर 5000 साल पुराना है। ये चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस नामक स्थान में एक पहाड़ी पर है। इस स्थान से जुड़ी कई मान्यताएं हैं।
इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं है। इसलिए हिन्दुओं की आस्था इस मंदिर काफी जुड़ी हुई है।
कहते हैं अपने पिता दक्ष के यहां यज्ञ कुंड में जब सती ने आत्मदाह किया था, तो उनके वियोग में भगवान शिव इतना रोये कि यहां तालाब बन गया।
शिव के आंसुओं से कटासराज में दो कुंड बने, उसमें से एक कुंड का नाम है कटाक्ष कुंड। ये कटाक्ष कुंड और उस जगह बना शिव मंदिर अब पाकिस्तान में है।
शिव के आंसुओं से जो दूसरा कुंड बना, वो भारत में राजस्थान के पुष्कर तीर्थ में है। इस तरह दोनों जगहों को आपस में गहरा संंबंध है।
मान्यता है कि यहां के सात मंदिरों का निर्माण पांडवों ने किया था। और वनवास के दौरान 4 साल यहां बिताए थे।
इस स्थान को लेकर यह भी मान्यता है कि इसी कुंड के तट पर युधिष्ठिर और यक्ष का संवाद हुआ था।