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दूध सी सफेदी निरमा से आई, वॉशिंग पाउडर निरमा। निरमा एक ऐसा ब्रांड जो लगभग हर घर में मिल जाएगा लेकिन इसके स्थापित होने की कहानी भावुक कर देगी।
निरमा फाउंडर करसमभाई पटेल ने कई मुश्किलों का सामना किया। वह लैब टैकनिशियन थे लेकिन दिल में कुछ बड़ा करने का जज्बा था। बस यही से शुरू होती है निरमा की सफलता की कहानी।
करसमभाई पटेल सरकारी नौकरी में थे। उनका परिवार अच्छा चल रहा था। लेकिन एक दिन सड़क हादसे में बेटी निरूपमा की मौत हो जाती है। जो उन्हें तोड़ कर रख देती है।
करसमभाई चाहते थे की किसी तरह उनकी बेटी साथ रहे। इसलिए उन्होंने बेटी के नाम से कंपनी खोलने का विचार आया और निरमा की नीव पड़ी। उस वक्त सर्फ,और विदेशी ब्रांड की मार्केट में धूम थी।
कॉम्पिटीशन के बीच वह साइकिल से निरमा बेचने निकल पड़े। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कपड़े साफ नहीं हुए तो वह पैसे वापस कर देंगे। कम दाम और बेहतरीन क्वालिटी ने लोगों का दिल जीत लिया।
धीरे-धीरे गुजरात से निकलकर निरमा पूरे देश में फेमस हो गया। सस्ता होने के कारण लोअर और मीडिल क्लास के बीच येखूब पसंद किया और कंपनी की गाड़ी चल पड़ी।
करसमभाई की मेहनत रंग लाई। कंपनी में इस वक्त 18 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है। निरमा ग्रुप का टर्नओवर 23 हजार करोड़ से ज्यादा है। वहीं सलाना टर्नओवर 7 हजार करोड़ से अधिक है।