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ईरान को लेकर कट्टर इस्लामिक राष्ट्र की छवि है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब यहां की महिलाएं यूरोपीय महिलाओं की तरह वेस्टर्न और मॉर्डन थीं। लेकिन एक पार्टी ने देश का इतिहास बदल दिया।
1941 में ईरान की सत्ता मोहम्मद राजा सबसे धनी व्यक्ति थे। वह वेस्टर्न कल्चर के समर्थक थे। ईरान में महिलाओं पर पाबंदी नहीं थी। जिससे कट्टरपंथी इस्लामिक सोच वाले उनसे नफरत करने लगे।
शाह ने फारसी साम्राज्य 2500वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 1971 में ईरान में भव्य पार्टी आयोजित करने का फैसला लिया। पार्टी इतनी शाही थी की इसकी तैयारी एक साल पहले से शुरू हो गई थी।
ईरान में पार्टी के लिए जगह नहीं थी इसके लिए रेगिस्तान के पर्सेपोलिस को शाही तरीके से सजाया गया। इस वक्त ईरान में पानी संकट था पर पार्टी के लिए रेगिस्तान में पानी नदियां बहाई गईं।
ये पार्टी इंटरनेशनल लेवल पर हुई। जिसमें 65 देशों के प्रमुख शामिल हुई। रेगिस्तान को अलग मौहाल देने के लिए यहां 50 हजार से ज्यादा पक्षियों को लाया गया।
खाना बनाने के लिए शेफ स्विटजरलैंड और यूरोप से मंगाए गए। 8 टन राशन, 2700 किलो मीट और 3500 से ज्यादा शैम्पेन की बोतलें मंगवाई गईं जिन्होंने पार्टी की शोभा बढ़ाई।
पार्टी को खास बनाने में कमी नहीं रखी। पेरिस,लंदन से वेटर बुलाए गए। इतना ही नहीं मेहमानों को सोने की पानी से नक्काशी की गई प्लेट में खाना परोसा गया।
ईरान की इस रॉयल पार्टी में मुख्य अतिथि के टेबल के चर्चे दूर-दूर तक हुए। टेबल पर मेजपोश बिछाया गया था। जिसे तैयार करने में 8 महीने से ज्यादा का वक्त लगा था।
ये पार्टी 3 दिन तक चली। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं पार्टी के लिए 100 बिलियन डॉलर खर्च किए थे। आज की महंगाई की हिसाब से देखें तो ये 5 हजार करोड़ के आसपास बैठता है।
पार्टी में आए खर्चे की बात जान लोगों को गुस्सा फूट पड़ा और 1979 आते-आते राजशाही का अंत हुआ और शिया धर्मगुरू अयातुल्ला खुमैनी सत्ता में आए। जिसने आज के ईरान की तस्वीर गढ़ी।