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जरायम की दुनिया में कदम रखने से पहले सभ्य परिवार से ताल्लुक रखने वाला मुख्तार क्रिकेटर बनना चाहता था। वह रोजाना क्रिकेट स्टेडियम में प्रेक्टिस करने जाता था।
जब मुख्तार अंसारी स्टेडियम में क्रिकेट प्रैक्टिस करता था तो उसे रोज एक लड़की देखने आती थी जो पास के कॉलेज में पढ़ती थी ये सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा।
एक दिन मुख्तार ने उस लड़की से सवाल आखिर तुम यहां क्यों आती हो तो उसने जवाब दिया मैं तुम्हें पसंद करती हूं। ये कोई और नहीं बल्कि अफशां अंसारी थी।
अफशां की दिल बात सुन मुख्तार भी खुद को रोक ना पाए और दोनों की मुलाकातों का दौर शुरू हो गया। धीरे-धीरे दोस्ती का रंग प्यार के परवार में बदल चुका था।
मुख्तार अफशां को हमेशा के लिए अपना बनाना चाहता था दोनों ने रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए 1989 में परिवार की सहमति से निकाह कर लिया।
मुख्तार अंसारी के हर बुरे काम में अफशां अंसारी ने बराबर साथ दिया है। 2005 में उसके जेल जाने के बाद वही उसका कारोबार और गैंग संभालती थी।
मुख्तार-अफशां दो बेटों के मां-बाप हैं। 1992 में डॉन के बड़े बेटे अब्बास अंसारी तो 1998 में दूसरे बेटे उमर अंसारी का जन्म हुआ था।
मुख्तार-अफशां की लवस्टोरी भले रोमांटिक हो लेकिन अंत बुरा है। मुख्तार की मौत हुई तो दूसरी तरफ अफशां को पुलिस तलाश रही है उस पर 75 हजार का इनाम घोषित है।