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बच्चे को अनुशासित करने के लिए पॉजिटिव डिस्प्लीन स्ट्रैटजी का यूज करें, जो कम्युनिकेशन, अंडरस्टैंडिंग और पॉजिटिव रिइंफोर्समेंट पर फोकस करती हैं। जानें ये 9 डिस्प्लीन टेक्निक।
जब आपका टीन एज बच्चा आपसे बात करे, तो उसकी बात ध्यान से सुनें। आंखों में देखें, सिर हिलाएं और कोई ध्यान भटकाने वाली चीज़ें न करें। इससे बच्चे को लगता है कि आप उनकी बात समझ रहे हैं।
अपने बच्चे को दोष देने के बजाय अपनी भावनाएं व्यक्त करें। जैसे तुम आलसी हो कहने की बजाय, जब तुम अपना काम नहीं करते हो, तो मुझे निराशा होती है, कहें। इससे वे समझेंगे।
यदि वे होमवर्क करना भूल जाते हैं, तो उन्हें शिक्षक से जो प्रतिक्रिया मिलेगी, वह उनके लिए एक सबक होगी। इससे उन्हें अपनी जिम्मेदारियां समझने में मदद मिलेगी।
जब बच्चा भावनाओं में बह जाएं, तो उन्हें शांत होने और खुद पर विचार करने का समय दें। इससे उन्हें अपने व्यवहार पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।
जब भी आपका बच्चा कुछ अच्छा करे, उसकी तारीफ करें। इससे वे वही काम दोबारा करना चाहेंगे।
नियम और उम्मीदें स्पष्ट रूप से बताएं। जब आपके नियम सुसंगत होते हैं, तो बच्चे समझ जाते हैं कि उनसे क्या इक्स्पेक्टेड है।
किसी समस्या का हल निकालने के लिए उनके साथ काम करें। इससे उन्हें खुद निर्णय लेने और आत्मविश्वासी बनने में मदद मिलेगी।
बच्चों के भावनाओं को समझने की कोशिश करें। जब आप सेपेंथी दिखाते हैं, तो वे अधिक समझने और सम्मान महसूस करेंगे।
अगर आपको बच्चे के डिस्प्लीन से जुड़ी समस्याएं सुलझाने में दिक्कत हो रही है, तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लें। इससे किशोर के बिहैवियर से जुड़े गहरे ईश्यू को रिजाल्व किया जा सकता है।