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अमित ने 8 बार MA किया, 7 बार UGC NET क्वालीफाई किया, अब दूसरी बार पीएचडी करेंगे, यूपी सरकार ने पद्मश्री के लिए नामित किया।
अमित ने 2012 में मैनेजमेंट में नेट क्वालीफाई किया और साल 2013 में इलाहाबाद बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर की नौकरी जॉइन कर के छोड़ दिया।
अमित का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज हो चुका है।
रिसर्च के लिए अमित को पहले हर महीने ₹35000 स्कॉलरशिप के तौर पर मिलता था और 2 साल बाद एसआरएफ प्रमोशन के बाद रु 45000 स्कॉलरशिप मिलता है
अमित ने अब तक पच्चीस हज़ार टीचर्स को ट्रेनिंग दिया है और दो लाख स्टूडेंटस की काउंसलिंग किया है।
अमित ने पीएचडी के लिए एक साथ पांच विश्वविद्यालय में क्वालीफाई किया।पहली पीएचडी यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन की भारतीय यूनिट जीएचआरटी जम्मू से इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में किया।
एमकॉम, एमए इकोनॉमिक्स (गोल्ड मेडलिस्ट), एमए एजुकेशन, एमए समाजशास्त्र, एमए पॉलिटिकल साइंस, एमए दर्शनशास्त्र, एमबीए एचआर एंडएं मार्केटिंग, एमफिल कॉमर्स (गोल्ड मेडलिस्ट)
2010 कॉमर्स (जेआरएफ), 2011 इकोनॉमिक्स, 2012 मैनेजमेंट, 2015 एजुकेशन, 2019 पॉलिटिकल साइंस, 2020 समाजशास्त्र, 2022 एडल्ट एजुकेशन।
आरबीआई और एसएससी जैसी कॉम्पिटेटिव परीक्षाएं क्वालीफाई कर के भी अमित स्कूल कॉलेज से जुड़े हैं ताकि स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए मोटिवेट करते रहें।
अमित कानपुर के किदवई नगर में रहते हैं और उनकी शुरुआती शिक्षा एयरफोर्स स्टेशन कानपुर के स्कूल से हुई है, वो अपने माता-पिता की इकलौती संतान है।
अमित के पिता यूपी हैंडलूम में मैनेजर थे, मां उर्मिला देवी होममेकर हैं घर में उनकी पत्नी और बेटी है, अमित बचपन में वैज्ञानिक बनना चाहते थे।