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कश्मीर के बांदीपुरा की पहली मार्शल आर्ट खिलाड़ी हैं सबाहत आफरीन

सबाहत आफरीन कश्मीर के बांदीपोरा जिले की पहली महिला है जो मार्शल आर्ट खेल रही हैं।

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हिजाब पहनकर ट्रेनिंग लेने पर सबाहत का होता था विरोध

2013 में जब सबाहत महज 8 साल की थी पर्दे में रहकर मार्शल आर्ट्स सीख रही थी जिसका लोग विरोध कर रहे थे, यह कहकर की हिजाब में क्यों खेलती हो।

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स्पोर्ट्स के साथ पढ़ाई भी कर रही हैं सबाहत

सबाहत के अब्बू फार्मासिस्ट है,मम्मी हाउसवाइफ हैं, भाई एमएससीआईटी कर चुके हैं जबकि बहन एमबीबीएस कर रही है और सबाहत बीएससी कर रही हैं।

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चप्पल पहनकर शबाहत ने लिया ट्रेनिंग

सबाहत जब एकेडमी जाती थी तो वहां कोई सुविधा नहीं थी जूते पैड भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने चप्पल पहनकर ट्रेनिंग ली और कई मेडल जीते।

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सबाहत ताइक्वांडो में जीत चुकी है नेशनल

सबाहत ने ताइक्वांडो में दो बार नेशनल और एक बार इंटरनेशनल खेला है डिस्टिक लेवल पर बहुत सी चैंपियनशिप जीती।

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ताइक्वांडो के बाद पैनकेक सिलौट खेला

2018 में सबाहत ने पेनकेक सिलौट खेला जिसमें उन्होंने 4 नेशनल चैंपियनशिप 3 फेडरेशन कप के साथ एशिया चैंपियनशिप जीता है।

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कॉमनवेल्थ के लिए चुनी गई थीं सबाहत

 मलेशिया में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए सबाहत का सिलेक्शन हुआ था लेकिन कोविड  की वजह से वह प्रतियोगिता नहीं हो सकी थी।

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स्पोर्ट्स के साथ पढ़ाई भी कर रही हैं सबाहत

सबाहत के अब्बू फार्मासिस्ट है,मम्मी हाउसवाइफ हैं, भाई एमएससीआईटी कर चुके हैं जबकि बहन एमबीबीएस कर रही है और सबाहत बीएससी कर रही हैं।

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लोगों ने भड़काया सबाहत के अब्बू को

 लोगों ने सबाहत की अब्बू को इतना भड़काया कि वह ट्रेनिंग पर जाने से रोक देते थे फिर कोच आकर मनाते थे।

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सबाहत के कोच है पद्मश्री सम्मानित

सबाहत के कोच फैसल अली डार हैं जो जम्मू कश्मीर के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें खेल के लिए पदम श्री मिला है।

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सबाहत के कोच को धमकाते हैं लोग

सबाहत के कोच ने जब एकेडमी खोलकर ट्रेनिंग देना शुरू किया तो लोगों ने उनको भी डराया धमकाया।

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सबाहत के अब्बू की बदल गई सोच

सबाहत के अब्बू ने जब एकेडमी में और बच्चों को खेलता देखा और सबाहत को मेडल जीतते देखा तो उनकी सोच बदल गई और उन्होंने अपनी बच्ची को सपोर्ट करना शुरू किया।  

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