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बेंगलुरु में 15 मार्च 2003 को जन्मे कैवल्य वोहरा ने भारत में शुरूआती पढ़ाई के बाद दुबई कॉलेज से गणित, भौतिकी और कंप्यूटर विज्ञान में एजूकेशन ली।
वोहरा और उनके दोस्त आदित पालीचा ने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। उसी दौरान कोराना महामारी आ गई तो उन्हें ई—किराना बिजनेस में अवसर दिखा।
दोनों दोस्तों ने बीच में पढ़ाई छोड़कर ऑनलाइन किराना प्लेटफ़ॉर्म किरानाकार्ट की शुरुआत की, जो 45 मिनट के भीतर सामान डिलीवरी करने पर फोकस करती थी।
बाद में किराना मार्ट ज़ेप्टो में परिवर्तित हो गया और 'क्लाउड स्टोर्स' या 'मिनी-वेयरहाउस' का एक बड़ा नेटवर्क बनाया।
विकीता पेज के मुताबिक, कंपनी 8 मिनट 40 सेकेंड के औसत समय में कस्टमर को सामान डिलीवरी करने का दावा करती है और यही उनकी सफलता की सबसे बड़ी वजह बना।
जेप्टो के मिनी वेयरहाउस घनी आबादी वाले इलाकों में हैं। इससे डिलीवरी के समय पर असर पड़ा। अब कंपनी 3000 से अधिक प्रोडक्ट लोगों तक पहुंचाती है।
जेप्टो ने डिलीवरी टाइम कम करके मार्केट में अपनी जगह बनाई। तगड़ा मुनाफा हुआ। नतीजा सामने है, कैवल्य भारत के सबसे युवा अरबपति बनकर उभरे हैं।