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संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर के अनुसार, मन की स्वतंत्रता ही रियल फ्रीडम है। भले ही व्यक्ति जंजीरों में न बंधा हो, पर यदि मन स्वतंत्र नहीं तो वह गुलाम है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता हासिल की जाए। वह महंगी नहीं होती। यह जीवन के सांस की तरह है। उसके लिए व्यक्ति क्या कीमत नहीं चुकाएगा।
भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि कई साल पहले हम अपनी नियति से मिले थे। अब हमें बहुत हद तक अपनी प्रतिज्ञा पूरी करनी चाहिए।
बाल गंगाधर का यह कोट प्रसिद्ध है। ''स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा" आज भी लोगों की जुबान पर है।
महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि गलतियां करने की स्वतंत्रता नहीं है तो ऐसी स्वतंत्रता का कोई मतलब नहीं।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि यदि मातृभूमि की सेवा में नहीं लगा है तो जवानी का जोश किस काम का। मतलब तुम्हारी रगो में खून नहीं पानी बह रहा है।
सुभाष चंद्र बोस का यह कथन काफी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा था कि,"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा", जो आज भी लोगों द्वारा याद किया जाता है।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कहती थीं कि हमारा देश उस रजाई की तरह है, जिसमें कई रंग, पैच, टुकड़े हैं। इसके बावजूद यह एक बड़ा परिवार है।
महात्मा गांधी कहते थे कि देश का कल्चर जन-जल के दिल और आत्मा में बसता है।
बीआर आंबेडकर ने कहा था कि आज आप क्या करते हैं। भविष्य इसी बात पर निर्भर करता है।