अनाथालय में पले, 21 सरकारी नौकरी छोड़ी, फिर बने IAS
Image credits: Social Media
7 की उम्र में पिता के साथ बेचते थे बांस की टोकरियां
केरल के मल्लपुरम जिले के एवान्नाप्पारा गांव के रहने वाले मोहम्मद अली शिहाब महज 7 साल की उम्र में अपने पिता के साथ बांस की टोकरियां बेचते थे।
Image credits: Social Media
पिता की मौत, मां पढ़ी-लिखी नहीं
शिहाब के पिता की 1991 में अचानक बीमारी की वजह से मौत हो गई। मां पढ़ी-लिखी नहीं थी। इस वजह से उन्हें कोई अच्छा काम नहीं मिल पा रहा था।
Image credits: Social Media
मां ने अनाथालय में डाला
गुजारा न हो पाने की स्थिति में मां ने शिहाब को अनाथालय में डाल दिया। वहां पेट भर खाना मिलता था और साथ ही पढ़ाई का मौका भी।
Image credits: Social Media
वरदान साबित हुआ अनाथालय
वही अनाथालय शिहाब के लिए वरदान साबित हुआ। वहां रहते हुए वह पढ़ाई में काफी होशियार हो गए।
Image credits: Freepik
10 साल अनाथालय में रहें
शिहाब अनाथालय में 10 साल रहें, स्कूलिंग पूरी की। हॉयर एजूकेशन के लिए एक सरकारी एजेंसी में चपरासी की नौकरी करने लगे और पढ़ाई करते रहें।
Image credits: Social Media
21 सरकारी नौकरियों के एग्जाम किए पास
पढ़ाई में वह इतने तेज थे कि 21 सरकारी नौकरियों के एग्जाम पास किए। उनमें जेल वार्डन, रेलवे टिकट चेकर और वन विभाग की नौकरियां भी शामिल थी। थोड़े समय तक नौकरी भी की।
Image credits: Social Media
2011 में बने आईएएस
2011 की यूपीएससी परीक्षा में 226वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनें।