Motivational News
VSS Mani के पास न पैसा था और न ही बिजनेस का अनुभव। जिद और जज्बा ही उनकी ताकत थी।
वीएसएस मणि तमिलनाडु के रहने वाले हैं। मिडिल क्लास फैमिली से थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में कामर्स से दाखिला लेकर चार्टर्ड अकाउंटेट की तैयारी करने लगे।
वीएसस मणि के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। इसलिए पढ़ाई छोड़कर सेल्समैन का काम शुरु किया।
वीएसएस मणि ने कई जगहों पर नौकरी की। पर उनका मन अपना काम शुरु करने का था।
वीएसएस मणि ने साल 1989 में दोस्तों के साथ मिलकर AskMe कम्पनी शुरु की, जो नहीं चली।
वीएसएस मणि ने साल 1992 में वेडिंग प्लानर मैंग्जीन के काम की शुरुआत की। पर उसमें भी असफलता हाथ लगी।
वीएसएस मणि ने लगातार दो बार व्यवसाय में असफलता के बाद नौकरी शुरु की।
वीएसएस मणि जिस कम्पनी में नौकरी की, उसमें येलो पेजेज और फोन डाइरेक्टरी से संबंधित काम होते थे। वहीं उन्हें जस्ट डायल का आइडिया आया।
वीएसएस मणि के पास पैसे नहीं थे तो उन्होंने अपनी पत्नी के गहने बेच दिए। किराए के गैराज से जस्ट डायल की शुरुआत कर दी।
साल 1996 में लैंडलाइन फोन लगवाना आसान हो गया। जैसे लैंडलाइन्स की संख्या बढ़ी, वैसे ही उनका जस्ट डायल का कारोबार भी बढ़ता चला गया।
जस्ट डायल की वैल्यूएशन साल 2013 में 6 हजार करोड़ रुपये थी। साल 2007 में 4 हजार करोड़ रुपये थी।
रिलायंस ग्रुप का ध्यान भी जस्ट डायल की तरफ गया और रिलायंस रिटेल ने 3497 करोड़ में जस्ट डायल में 41 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की।