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जलकुंभी से साड़ियां बनाते हैं झारखंड के इंजीनियर गौरव आनंद

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गौरव पर्यावरण इंजीनियर हैं और स्वच्छता पुकारे नाम से संस्था चलाते हैं।

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गौरव अपनी संस्था के माध्यम से नदियों व जलकुम्भियों को  साफ करते हैं।

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गौरव जलकुंभी की बढ़ती समस्या का समाधान प्रयोग से निकालना चाहते थे।

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गौरव ने देखा जलकुंभी मे सैलूलोज होता है, जिसे धागों मे बदल सकते हैं।

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गौरव जलकुंभी से फाइबर निकालकर, कपास मिक्स करके साड़ियां बनाते हैं।

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गौरव ने बुनकरों से बात किया और सूत बनाकर देने का फैसला किया।

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गौरव ने इस काम के जरिए 500 लोगों को रोजगार दिया है।

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गौरव कई साल से जलकुंभी से पेपरमैट और हैंडीक्राफ्ट बना रहे हैं।

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गौरव ने बताया- जलकुंभी की साड़ियों को बनने में 2 से 3 दिन लगते हैं।

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जलकुंभी से बनी साड़ी की कीमत 2000 से 3500 के बीच में होती है।

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गौरव ने जलकुंभी को लेकर अपना 16 साल का कारपोरेट करियर छोड़ दिया।

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