भारत के कपिल परमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में जूडो का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। यह भारत का पहला पैरालंपिक जूडो मेडल है।
कपिल ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में ब्राजील के खिलाड़ी को केवल 33 सेकंड में हराया और मेंस 60 KG J1 कैटेगिरी में मेडल अपने नाम किया।
कपिल की आंखों की रोशनी बचपन में एक हादसे के बाद चली गई थी। लेकिन इस मुश्किल को पार करते हुए उन्होंने जूडो को अपनाया और देश के लिए मेडल जीता।
मध्य प्रदेश के सिहोर में जन्मे कपिल को 9 साल की उम्र में करंट लगा, जब वह मोटर से पानी निकालने की कोशिश कर रहे थे। जिससे उनकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई।
करंट लगने के बाद उनकी आंखों की रोशनी लगातार कम होती गई। यहां तक कि हाई पावर का चश्मा लगाने के बाद भी उनको बहुत कम दिखाई देता है।
कपिल ने लखनऊ में ट्रेनिंग ली। कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दीकी के गाइडेंस में जूडो की बारीकियां सीखी। इंडियन पैरा जूडो एकेडमी में खूब मेहनत कर खुद को निखारा।
2017 में जूडो करियर की शुरुआत करने वाले कपिल ने 2019 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड, 2022 एशियन पैरा गेम्स में सिल्वर, और 2023 वर्ल्ड गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
अपने पहले पैरालंपिक में ही कपिल परमार ने जूडो में भारत को पहला और पैरालंपिक का 25वां मेडल दिलाया, जिससे पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।