कायनात के लिए ट्रैवलिंग ऑक्सीजन की तरह है जिसके बगैर वो नही रह सकतीं।
पिछले 4 सालों में कायनात ने ढाई लाख किमी से ज्यादा का सफर अकेले तय किया।
कायनात यूपी के फिरोजाबाद की रहने वाली हैं, फिरोजाबाद से उन्होंने ग्रेजुएशन किया है।
बचपन से ही कायनात को जियोग्राफी सब्जेक्ट पसंद था पूरे क्लास के मैप कायनात अकेले भर देती थीं।
कायनात ने जब चीनी यात्री फाह्यान और ह्वेनसांग की तस्वीर देखी तो फैसला किया कि बड़ी होकर ट्रैवलर बनेंगी।
कायनात ने हिंदी में पीएचडी करके पत्रकारिता में डिप्लोमा किया।
कायनात जब प्रेग्नेंट थी तो उनके पति ने ट्रैवल करने के लिए मोटिवेट किया।
कायनात पहले नोएडा की शिव नादर यूनिवर्सिटी में कार्यरत थी और अब यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एनर्जी में कार्यरत हैं।
कायनात को 4 साल पहले स्पाइन फ्रैक्चर हो गया था इसके बाद वह 4 महीने तक बेड पर थी।
कायनात 36 साल की उम्र में मां बनी बतौर ट्रैवलर वो नार्मल डिलीवरी चाहती थी, जो योग की वजह से संभव हो पाया।
कायनात अब तक 10 किताबें लिख चुकी हैं, वह एक फोटोग्राफर है मोटिवेशनल स्पीकर है।
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