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एकता का नाम वीरेंद्र था, लेकिन एकता को अपने शरीर में पुरुष की अनुभूति कभी नहीं हुई ।
एकता की पैदाइश लखीमपुर की है, लखनऊ यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रैजुएशन किया।
एकता ने जब अपनी मां और बहन को अपने अंदर स्त्री व्यव्हार के बारे में बताया तो उनका विरोध हुआ।
एकता के स्त्री व्यवहार को लेकर उनके भाई ने भी छोड़ दिया।
जब एकता के दिल की बात उनकी मां बहन परिवार के लोगों ने नहीं समझा तो एकता ने घर छोड़ दिया।
लखनऊ में रहने के दौरान एकता को उनके जैसे लोग मिले और एकता उनके साथ रहने लगीं।
एकता ने अपने सारे डॉक्यूमेंट से वीरेंद्र नाम हटवा कर एकता महेश्वरी के नाम से रजिस्टर कराया।
एकता खुद को एक स्त्री महसूस करती थी इसलिए उन्होंने स्त्री वेशभूषा धारण की और ट्रांस वूमेन बन गई।
एकता ने एकता सेवा संस्थान खोला जहां वह ट्रांस समाज के साथ-साथ अन्य लोगों की सेवा का काम करने लगी।