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सिमरन ने अपने घर को रेस्क्यू सेंटर बना लिया है जहाँ मौजूदा समय में 100 जानवर उनके साथ रहते हैं।
पहले सिमरन घायल जानवरों को अपने घर ले आती थीं लेकिन उनकी सोसाइटी में इसकी इजाज़त नहीं थी इसलिए लोगों ने विरोध किया।
जानवरो की सेवा के लिए सिमरन ने अपना घर बेच कर शहर से दूर गांव में रहना शुरू किया जहां जानवरों से लोगों को कोई परेशानी न हो ।
हरसिमरन जिस गांव में इस वक़्त रह रही हैं वहां के लोग इस काम को सही नहीं समझते और खराब समझते हैं।
जानवरों के लिए हरसिमरन ने अमन एनिमल रिहाबिलिटेशन फाउंडेशन नाम की संस्था खोल दी।
हरसिमरन की मां अमन वालिया बेटी के काम में साथ निभाती हैं, मां के नाम पर हरसिमरन ने संस्था खोली है
हरसिमरन अपनी और अपने पिता की सैलरी से जानवरो की सेवा करती थीं, लेकिन संस्था खुलने के बाद डोनेशन मिलने लगा है
जानवरो की संख्या ज़्यादा होने पर खर्च भी ज़्यादा बढ़ा तो हरसिमरन ने क्राउड फंडिंग करना शुरू किया।
हरसिमरन के पास सौ से ज़्यादा कुत्ते, दस से ज़्यादा बिल्ली, गाय कछुआ है इनकी सेवा के साथ वो घर के बाहर हर रोज़ हज़ार जानवरो को खाना खिलाती हैं।