IAS अनुराधा पाल की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है। कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया।
हरिद्वार के एक छोटे से गांव के साधारण परिवार की रहने वाली आईएएस अनुराधा पाल का बचपन आर्थिक कठिनाइयों के बीच गुजरा।
आईएएस अनुराधा पाल के पिता दूध बेचकर अपना परिवार चलाते थे।
अनुराधा पाल की शुरुआती शिक्षा हरिद्वार के जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई। दिल्ली के जीबी पंत विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री ली।
घर की माली हालत ठीक नहीं थी। इसलिए अनुराधा पाल ने टेक महिंद्रा में जॉब की। कुछ समय बाद नौकरी छोड़ दी।
अनुराधा पाल ने फिर रूड़की के कॉलेज में लेक्चरर के रूप में काम शुरु किया। फुल टाइम जॉब करने के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी।
आईएएस अनुराधा पाल ने अपनी कोचिंग की फीस भरने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया।
आईएएस अनुराधा पाल ने साल 2012 के पहले प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया। तब उन्होंने 451वीं रैंक हासिल की थी।
अनुराधा पाल ने 2015 में यूपीएससी का दूसरा अटेम्पट दिया। उन्हें 62वीं रैंक हासिल हुई। वर्तमान में बागेश्वर की डीएम हैं।
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