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16 फ्रैक्चर,8 सर्जरी, सौतेली मां, स्लम में पैदा, फिर बन गईं IAS

 

 

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उम्मुल खेर का जन्म राजस्थान में हुआ

राजस्थान के पाली में गरीब मारवाड़ परिवार में उम्मुल खेर का जन्म 16 अगस्त 1988 को हुआ। 

 

 

 

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उम्मुल को बोन फ्रेजाइल नाम की बीमारी है

बोन फ्रेजाइल डिसऑर्डर से शरीर की हड्डियां अक्सर टूट जाती थीं. उम्मुल को अब तक 16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी हुई है। 

 

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दिल्ली शिफ्ट हो गया उम्मुल का परिवार

उम्मुल काफी छोटी थी जब उनका परिवार दिल्ली के निजामुद्दीन की झुग्गी में  शिफ्ट हो गया। उनके पिता फुटपाथ पर सामान बेचा करते थे।

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बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थीं उम्मुल

उम्मुल के पिता स्कूल की फीस देने में थे असमर्थ इसलिए उम्मुल ट्यूशन पढ़ा कर स्कूल की फीस जमा करती थीं ।

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उम्मुल की  मां का छूट गया साथ

उम्मुल जब 9वीं में थीं, उनकी मां की मौत हो गयी, पिता ने दूसरी शादी कर ली थी. उम्मुल की नई मां को उनका स्कूल जाना पसंद नहीं था। 

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उम्मुल ने छोड़ दिया घर

नई मां के कहने पर उम्मुल  पढ़ाई नहीं छोड़ सकती थीं इसलिए उन्होंने घर छोड़ दिया और त्रिलोकपुरी की झुग्गी में अकेले रहने लगीं। 

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उम्मुल की पढ़ाई का खर्च उठाया ट्रस्ट ने

अकेले रहने के दौरान उम्मुल की पढाई का खर्च अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट ने उठाया । 

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पढ़ने में बहुत तेज़ थीं उम्मुल

उम्मुल ने 10वीं में 91% 12वीं में 90 %अंक हासिल किए. दिल्ली के गार्गी कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया.जेएनयू के इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल से एमए और एमफिल किया । 

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उम्मुल के बदले हालात

उम्मुल ने 2013 में  JRF क्लियर  किया जिसके बाद उन्हें 25000 रूपये महीने की स्कॉलर्शिप मिलने लगी ।

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और उम्मुल ने रच दिया इतिहास

2014 में जापान के इंटरनेशनल लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए उम्मुल का  चयन हुआ था. 18 साल के इतिहास में उम्मुल चौथी भारतीय थीं जिन्हें चुना गया था  । 

 

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और उम्मुल बन गयीं IAS अफसर

JRF के दौरान उम्मुल ने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की और CSE 2016 परीक्षा में अपने पहले प्रयास में 420वीं रैंक हासिल की । 

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