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यूपीएससी का एग्जाम देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है। मुट्ठी भर छात्र चयनित होते हैं। हर साल हजारों छात्रों को निराशा होती है।
आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के आईपीएस बनने का सफर मुश्किलों भरा था। पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले मनोज कुमार शर्मा 12वीं की परीक्षा पास नहीं कर पाए तो अपने भाई के साथ मिलकर ऑटो चलाया।
एक बार पुलिस ने ऑटो पकड़ लिया तो उसे छुड़ाने के लिए एसडीएम के पास गए। अपनी बात तो नहीं कह पाए, पर एसडीएम बनने की तैयारी के बारे में पूछ लिया और फिर तैयारी का मन बना लिया।
ग्वालियर में टेंपो चलाने के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि रहने के लिए घर नहीं था। इस वजह से भिखारियों के पास भी सोना पड़ा।
मनोज शर्मा ने आर्थिक समस्या दूर करने के लिए एक लाइब्रेरी में काम किया। लाइब्रेरियन कम चपरासी के रूप में अपनी सेवाएं दी।
लाइब्रेरी में कई विचारकों को पढ़ा तो लगा कि एसडीएम से भी बड़ा एग्जाम दिया जा सकता है।
12वीं क्लास में श्रद्धा से प्यार करने वाले मनोज ने उन्हें प्रपोज किया और कहा कि तुम हां कह दो तो पूरी दुनिया को पलट दूंगा। श्रद्धा भी राजस्व सेवा की अधिकारी हैं।
मनोज कुमार शर्मा ने कड़ी मेहनत कर यूपीएससी एग्जाम दिया। पहले तीन अटेम्पट में असफल रहें। चौथे अटेम्पट में आईपीएस अफसर बनें।
अनुराग पाठक ने आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की जर्नी पर बेस्ड '12वीं फेल' किताब भी लिखी है।