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यूपी के रामपुर के प्रखर सिंह ने यूपीएससी 2020 में 29वीं रैंक हासिल की थी। आईआईटी रूड़की से ग्रेजुएशन किया था। इंटरव्यू में पूछा गया कि IITians विदेश क्यों जा रहे हैं?
प्रखर सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी किए हुए आईआईटी में प्रोफेसर हैं। ऐसी चीज वहां शुरू की, जो पहले नहीं थी।
विदेश जा रहे बच्चों को हम ब्रेन ड्रेन कहते हैं। पर ऐसा नहीं कि उससे सभी लोगों का नुकसान हो रहा है। इससे नये रास्ते भी खुलते हैं।
जवाब: बड़े कैनवास पर काम करने का अवसर देता है। एक डोमेन के डीप में जाकर रिसर्च कर रहा था। पर वहां संतुष्टि महसूस नहीं हो रही थी।
जवाब: ग्रीन हाइड्रोजन स्टोर किया जा सकता है। बैट्री स्टोरेज में लीथियम आयन है। लीथियम सल्फर की बैट्री बनाई जा सकती है।
जवाब: इलेक्ट्रिकल व्हीकल के मॉडल कई बार विदेशी सड़कों के हिसाब के होते हैं। आरएंडडी इंडिया में हो ताकि स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बनें। इसके अलावा रेंज एंग्जाइटी है।
जवाब: मेंटर एक अच्छा श्रोता, फ्रेंड और फिलॉस्फर होता है। एनालिसिस कर राह दिखाता है। चलने का काम खुद करना होता है।
सवाल: प्रखर से पूछा गया कि देश में लोगों को पड़ोसी की हर चीज पता होती है। जैसे-घर में क्या चल रहा है, ऐसे में क्या भारतीयों को प्राइवेसी की जरूरत है?
जवाब: ऐसा नहीं कि हम व्यक्तिगत प्राइवेसी को महत्व नहीं देते। संविधान के आर्टिकल 21 में सबको निजता का अधिकार है। कोर्ट के भी आदेश हैं।
यदि कोई कहीं बात कर रहा है तो उसे पता होना चाहिए कि कहीं कोई अन्य व्यक्ति उसकी बातचीत तो नहीं सुन रहा है।