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आज एक ऐसी महिला IPS की सक्सेज स्टोरी, जो मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिए जिंदगी के उस मोड़ पर अपना सपना सच कर दिखाया, जब लोग घर गृहस्थी संभालने में जुट जाते हैं।
14 वर्ष की उम्र में शादी, 18 वर्ष की होते-होते 2-2 बच्चों की मां और फिर 30 वर्ष की उम्र में IPS अधिकारी- ये चौकाने वाला क्रम शत प्रतिशत सच है।
हम बात कर रहे हैं आईपीएस अफसर एन अंबिका (IPS N Ambika ) की, जिन्होंने अपने अटल इरादों के बूते वो कर दिखाया, जिसे अमूमन फिल्मों में दिखाया जाता है, हकीकत में बहुत कठिन लगता है।
मूलत: तमिलनाडु के एक छोटे से गांव की रहने वाली अंबिका की हंसने खेलने की उम्र में शादी हो गई। खुशी सिर्फ इतनी थी कि पति पुलिस कांस्टेबल थे। जिससे गृहस्थी आराम से चल रही थी।
अंबिका 1998-99 के दौरान गणतंत्र दिवस पर अपने दोनों बच्चों को लेकर परेड देखने गई थी। वहां उसने अपने कांस्टेबल पति को IPS अफसरों को सैल्यूट करते देखा।
महज 9वीं तक पढ़ी अंबिका के दिलो दिमाग में पति के सैल्यूट से ज्यादा IPS अफसर का रुतबा घर कर गया। तब उनके मन में अफसर बनने का तो ख्याल आया लेकिन UPSC के बारे में कुछ नहीं पता था।
9वीं पास 2 बच्चों की मां के IPS बनने की इच्छा सुनकर घरवाले ही नहीं पति भी मजाक मान बैठा, लेकिन अंबिका का इरादा तो अटल था, जो बदलने वाला नहीं था।
उन्होंने एक प्राइवेट कोचिंग की मदद से कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की और फिर डिस्टेंस लर्निंग के जरिए कक्षा 12वीं और अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
ग्रेजुएट होते ही उन्होंने UPSC की तैयारी पर शुरू से ही फोकस किए रखा। ग्रेजुएट होने के बाद पति और बच्चों के साथ अंबिका चेन्नई आकर अपनी तैयारी में जुट गईं।
पहले 3 टर्म के एग्जाम में फेल होने के बाद उनके पति का हौसला टूट गया और वह गांव लौटने की तैयारी करने लगे, लेकिन अंबिका की दृढ़ इच्छा शक्ति अभी भी कायम थी।
पति से एक और मौका मांगा। अंतत: 2008 के यूपीएससी रिजल्ट घोषित होते ही अंबिका का IPS बनने का सपना सच हो गया।
आईपीएस की ट्रेनिंग के बाद अंबिका को महाराष्ट्र कैडर मिला। इस समय IPS अंबिका मायानगरी मुंबई के जोन-4 की डीसीपी के पद पर तैनात हैं।