धरती पर बहुत सी जगहें हैं जो रहस्य्मयी है। इनकी गुत्थी वैज्ञानिक भी न सुलझा सके। इन्ही में एक है कर्णाटक का शेट्टीहल्ली रोज़री चर्च जिसे डूबा हुआ चर्च भी कहा जाता है।
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गुमनाम डेस्टिनेशन
इस चर्च में प्रार्थना नहीं होती, लेकिन सभी धर्मों के पर्यटक इसे देखने के लिए जरूर आते हैं। इसे गुमनाम डेस्टिनेशन का नाम दिया गया है।
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फ्रेंच मिशनरीज ने कराया था निर्माण
1860 में फ्रेंच मिशनरीज ने चर्च का निर्माण कराया था। हेमावती नदी के बैकवाटर के लगभग किनारे बने इस चर्च की खासियत ये है कि मानसून के दौरान ये पानी में डूब जाता है।
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क्यों बंद हुआ चर्च
चर्च की स्थापना के ठीक 100 साल बाद यानि साल 1960 में हेमावती नदी पर बांध बनने के बाद इस चर्च के चारों ओर की जमीन रेतीली होती चली गई। इसलिए चर्च में प्रार्थना बंद हो गई ।
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मानसून में नज़र आता है चैपल
चर्च के चारों तरफ साल भर पानी भरा रहता है। मानसून के मौसम में चैपल (छोटे चर्च) का केवल एक-तिहाई हिस्सा ही दिखाई दे सकता है।
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साल भी चर्च डूबता है निकलता है
हर साल, जैसे ही बांध खुलने से पानी का स्तर बढ़ता है, चर्च का कुछ हिस्सा पानी के नीचे चला जाता है। बांध का पानी बंद होता है तो चर्च फिर से दिखाई देने लगता है।
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चर्च घुमाने के लिए नाविक
चर्च देखने के लिए सबसे अच्छा समय बरसात का मौसम माना जाता है। इस मौसम में नाव से चर्च घूमने जाया जाता है । यहां के नाविक चर्च के अंदर वाले हिस्से तक नाव ले जाते हैं।