राजस्थान में स्थित कुलधरा गांव के बारे में कहा जाता है कि ये गांव शापित गांव है। आज हम कुलधरा गांव के रहस्य को जानेंगे।
पिछले 200 सालों से ये गांव खाली है। गांव के आसपास के लोगों का कहना है कि यहां पर भूतिया घटनाएं होती हैं। इस कारण यहां पर कोई भूल कर भी जाने की कोशिश नहीं करता।
जर्जर हालातों में पड़े यहां के खंडहर आज भी उस घटना की गवाही देते हुए दिखते हैं, जिसने इस सुंदर गांव को एक वीराने में तब्दील कर दिया। कुलधरा गांव गांव पहले काफी सुंदर हुआ करता था।
इस गांव को पालीवाल ब्राह्मणों ने सन 1291 में बसाया था। 11वीं शताब्दी में पाली से विस्थापित होकर राजस्थान के विभिन्न स्थानों जोधपुर, जैसलमेर, साथलमेर, बीकानेर आदि में आकर रहने लगे।
एक मान्यता के अनुसार यहां की रियासत के दीवान सालेम सिंह की नजर गांव के ब्राह्मण की पुत्री शक्ति मैया पर थी। वह उसके साथ विवाह करना चाहता था।
सालेम सिंह ने गांव वालों को धमकी दी कि अगर वो शक्ति मैया से उनकी शादी नहीं करवाते हैं, तो वो पूरे गांव को तहस नहस कर देगा।
ऐसे में गांव के सभी पालीवाल ब्राह्मणों ने पंचायत में ये निर्णय लिया कि वे इस गांव को छोड़ देंगे। उसके बाद सभी ब्राह्मण गांव को वैसा ही छोड़कर रातों रात वहां से चले गए।
जाते वक्त उन्होंने गांव को ये श्राप भी दिया कि जो कोई भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा। वो पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।तबसे ये गांव वीरान है