श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक रहेगा। हिंदू धर्म में जीवित व्यक्ति के पिंडदान की भी परंपरा है। ये परंपरा गया के एक मंदिर में ही निभाई जाती है। जानिए कौन-सा है ये मंदिर…
mysterious-news Sep 29 2023
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
Hindi
यहां कर सकते हैं जीवित व्यक्ति का श्राद्ध
बिहार के गया में भगवान जनार्दन का मंदिर है। यहां कोई भी जीवित व्यक्ति अपना स्वयं का पिंड दान और श्राद्ध कर सकता है। यहां के अलावा और कहीं भी इस तरह की परंपरा नहीं है।
Image credits: social Media
Hindi
क्यों करते हैं स्वयं का पिंडदान?
किसी व्यक्ति को लगता है कि मृत्यु के बाद कोई भी उसके लिए पिंडदान नहीं करेगा तो वह यहां आकर स्वयं का श्राद्ध कर सकता है। मान्यता है कि इससे मरने के बाद उसकी आत्मा को शांति मिलेगी।
Image credits: Getty
Hindi
ये है मान्यता
मंदिर के बारे में मान्यता है कि भगवान विष्णु जनार्दन स्वामी के रूप में स्वयं जीवित व्यक्ति का पिंड ग्रहण करते हैं। इससे पिंडदान करने वाले को मरने के बाद मोक्ष मिलता है।
Image credits: Getty
Hindi
एक मात्र है ये मंदिर
गया श्राद्ध कर्म के लिए श्रेष्ठ है, यहां 10 से अधिक तर्पण स्थल हैं। लेकिन पूरे विश्व में जनार्दन मंदिर एक मात्र ऐसा स्थल है, जहां आत्म श्राद्ध यानी जीते जी खुद का पिंडदान करते हैं।