देश की आजादी में योगदान देने वाली 10 जांबाज वीरांगनाओं की कहानी
Hindi

देश की आजादी में योगदान देने वाली 10 जांबाज वीरांगनाओं की कहानी

आजादी के 77 साल पूरे होने पर देश अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में आज हम आपको उन वीर वीरांगनाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने आजादी में अपना योगदान दिया। 
 

रानी लक्ष्मी बाई
Hindi

रानी लक्ष्मी बाई

जब भी महिलाओं की बात होती है तो वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई का नाम जरूर आता है। 1857 में स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अप्रतिम शौर्य से अंग्रेजों के दांत खट्टे किए।
 

Image credits: twitter
विजयलक्ष्मी पंडित
Hindi

विजयलक्ष्मी पंडित

 विजय लक्ष्मी पंडित ने भी आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया सविनय अवज्ञा आंदोलन का हिस्सा बनने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा। भारत के इतिहास में वह पहली महिला मंत्री थीं।
 

Image credits: twitter
सुचेता कृपलानी
Hindi

सुचेता कृपलानी

सुचेता कृपलानी ने महात्मा गांधी संग कार्य किया था। आजादी के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य की मुख्यमंत्री चुना गया।

Image credits: facebook
Hindi

सावित्री बाई फुले

सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला टीचर थीं जिन्होंने महिलाओं के उत्थान में काम किया इसके साथ ही वह भारत के नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता, समाज सुधारक और मराठी कवित्री भी थीं।

Image credits: social media
Hindi

सरोजिनी नायडू

सरोजनी नायडू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं बहुत अच्छी कवियत्री भी थीं। उन्होंने खिलाफत आंदोलन की बागडोर अपने हाथों में ली और अंग्रेजों को भारत से निकलने में अहम योगदान दिया।

Image credits: Getty
Hindi

लक्ष्मी सहगल

लक्ष्मी सहगल पेशे से डॉक्टर थीं लेकिन वह सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अटूट अनुयायी थीं। 1998 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मान दिया गया था।
 

Image credits: Getty
Hindi

कस्तूरबा गांधी

महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी ने आजादी की लड़ाई में गांधीजी के मना करने के बाद भी जेल जाने और संघर्ष में शिरकत करने का निर्णय लिया।
 

Image credits: Getty
Hindi

कमला नेहरू

जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू लौह‌ स्त्री के तौर पर जानी जाती हैं, उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भूख हड़ताल की और असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

Image credits: Getty
Hindi

दुर्गा बाई देशमुख

दुर्गाबाई देशमुख महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित थी, उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया और भारत की आजादी में वकील, सामाजिक कार्यकर्ता  के रूप में अहम भूमिका निभाई।

Image credits: social media
Hindi

अरुणा आसफ

अरुणा आसफ अली कोने एक कार्यकर्ता के नाते नमक सत्याग्रह में भाग लिया। उन्हें 1998 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

Image credits: social media

अब पाकिस्तान-चीन की खैर नहीं ! भारत को मिला शक्तिशाली हथियार

बलवंत पारेख: कैसे बनें Peon से Fevicol Man 

मुश्किलों को हरा कर यूपी के एक छोटे शहर का लड़का कैसे बना IAS

लंदन की जॉब छोड़ IAS बनीं हरि चंदना, दूसरे प्रयास में क्रैक किया UPSC