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रामायण में सीताहरण के समय रावण से लोहा लेने वाले पक्षीराज जटायु वीर गति को प्राप्त हुए थे। रावण ने उन्हें पंख काट दिए थे।
जटायु ने तब तक अपने प्राण नहीं त्यागे थे जब तक लंकापति सीता के हरण की बात श्रीराम को नहीं बताई थी।
अयोध्या राम मंदिर में जटायु की विशाल प्रतिमा लगाई गई है। मूर्ति को कुबेर टीला पर लगा दी गई है। जटायु की मूर्ति 20 फीट चौड़ी और 8 फीट ऊंची है जिसे 3 महीने में बनाया गया है।
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी गिद्धराज जटायु की भी प्रतिमा का विशेष पूजन करेंगे। इसमें राम मंदिर आंदोलन में शहीद कारसेवकों के परिवार भी रहेंगे।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में 22 जनवरी को कई रानीतिक, कला, साहित्य, धर्म, खेल और सिनेमा जगत की बड़ी हस्तियां भी शामिल होंगी।