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चांद के साउथ पोल पर लैडिंग कराकर इतिहास रचने से भारत बस चंद कदम दूर है। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
अमेरिका, चीन जैसे शक्तिशाली देश भी चांद के साउथ पोल पर नहीं पहुंच पाए हैं। भारत अब सफलता पाने की दहलीज पर खड़ा है।
यदि लैंडर विक्रम साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करता है तो वह इसके बाद वहां मौजूद खनिजों के बारे में पता लगाएगा और डाटा इसरो को भेजेगा।
23 अगस्त का दिन हर भारतवासी के लिए खास है। इस दिन चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड करेगा।
ISRO वैज्ञानिकों का कहना है, 23 अगस्त को लैंडर चांद पर लैंडिंग की कोशिश करेगा, अगर लैंडर मॉड्यूल में कुछ आसामान्य स्थिति आती है लैंडिंग का दिन बदला जाएगा।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग चंद्रमा के हालातों और स्थिति पर निर्भर करेगी। अगर समय अनकूल नहीं हुआ तो इसे 27 अगस्त को चंद्रमा पर उतारा जाएगा।
जैसे-जैसे लैंडिंग का वक्त नजदीक आ रहा है। वैज्ञानिकों, स्पेस लवर्स और लोगों के बीच उत्सुकता बढ़ती जा रही है।
चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल की चांद पर लैंडिंग के कार्यक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।