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भारत में ऐसे प्रधानमंत्री भी...जब घर चलाने करना पड़ा पार्ट-टाइम जॉब

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क्या आपने देखा है ऐसा पीएम...पार्ट-टाइम जॉब करते?

क्‍या आपने ऐसा पीएम देखा है, जिसे अपनी आ​जीविका चलाने के लिए एक समय पार्ट-टाइम जॉब करना पड़ा हो। यह आपको बहुत अजीब लगेगा। पर यह सच है।

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पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री के ईमानदारी की मिसाल

हम बात कर रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की। उनकी ईमानदारी और सादगी की आज भी मिसाल दी जाती है। 

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1963 में थे देश के गृहमंत्री

रिपोर्ट्स के अनुसार, 1963 में शास्त्री देश के गृहमंत्री थे। पर बाद में नेहरू कैबिनेट से रिजाइन करना पड़ा।

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500 रुपये सैलरी में घर चलाना हो गया मुश्किल

रिपोर्ट्स के अनुसार, बतौर सांसद उन्हें 500 रुपये की सैलरी मिलती थी। जिससे घर चलाना मुश्किल हो गया।

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खर्चों में कटौती को घर की लाइट रखते थे बंद

रिपोर्ट के अनुसार, एक दिन पत्रकार कुलदीप नैयर उनके घर पहुंचे तो देखा कि ड्राइंग रूम के अलावा पूरे घर में अंधेरा था। वह खर्चों में कटौती को लाइट बंद रखते थे।

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शास्त्री के लिए शुरु की सिंडिकेट सेवा

​कुलदीप नैयर के कहने पर वह न्यूजपेपर में लिखने को तैयार हुए। सिंडिकेट सेवा के जरिए समाचार पत्रों में लेख लिखने लगे। एक लेख के बदले 500 रुपये मिले।
 

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होने लगी 2000 रुपये की अतिरिक्त कमाई

इस तरह लाल बहादुर शास्त्री की 2000 रुपये की अति​रिक्त कमाई होने लगी। उनका पहला लेख पंडित जवाहरलाल नेहरू पर था।

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