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इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच छिड़े यु्द्ध में हालात भयावह हो गए है। मिसाइलों, रॉकेटों की आवाज सुनकर हर किसी का दिल दहल रहा है। एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
फिलीस्तीन आतंकी समूह हामास के बीच इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की चर्चा हो रही है। आज हम मौसाद की खासियत बताने जा रहे हैं।
मौसाद दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है। अमेरिका की CIA खुफिया एजेंसी के बाद इजरायल की मोसाद सबसे खतरनाक मानी जाती है।
मोसाद ने कई बड़े-बड़े ऑपरेशंस को अंजाम दिया है। आतंकियों के दिल में मौसाद का डर हमेशा रहता है।
कहा जाता है, मोसाद की नजर में जो चढ़ गया समझो मर गया। ये दुनिया के किसी भी कोने से दुश्मन को ढूंढ निकालते हैं।
मोसाद केवल इजरायल तक सीमित नहीं है। दूसरे देशों में बैठे दुश्मन का खात्मा करने के लिए मोसाद जानी जाती है। कई बार मोसाद ने दूसरे देशों में बैठे दुश्मनों का खात्मा किया है।
मोसाद का गठन 13 दिसंबर 1949 को सेंट्रल इंस्टीट्यूशन फॉर को-आर्डिनेशन के तौर पर किया था। जिसे बाद में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के नाम से जाना गया।
3 अरब डॉलर के बजट के साथ मोसाद खुफिया जानकारी जुटाने,सीक्रेट मिशन को अंजाम देती है। पूरी दुनिया में मोसाद के एजेंट हैं। जो लेबनान, सीरिया समेत कई देशों की जानकारी साझा करते हैं।