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हमास की स्थापना 1987 में पहले फ़िलिस्तीनी विद्रोह के दरम्यान हुई। जिसकी विचारधारा मुस्लिम ब्रदरहुड की इस्लामी विचारधारा से मेल खाती है। इरान का समर्थन प्राप्त है।
हमास का मकसद फिलिस्तीन में इस्लामिक शासन स्थापित करना है, जो इजरायल का खात्मा करना चाहता है।
12 साल की उम्र में शेख अहमद यासीन ने हमास की स्थापना की थी, जो व्हीलचेयर पर ही रहते थे।
शेख अहमद यासीन ने 1987 में पहली बार इजराइल के खिलाफ इंतिफदा का ऐलान किया था। इंतिफदा का मतलब विद्रोह या बगावत।
हमास ने 2006 में फिलिस्तीनी संसदीय चुनावों में जीत के बाद गाजा पर कब्ज़ा कर लिया। यही वहां आखिरी चुनाव था।
हमास के 1988 के संस्थापक चार्टर में इजरायल के विनाश का आह्वान किया गया था।
इजरायल के अलावा, अमेरिका, मिस्र, कनाडा, जापान और यूरोपीय संघ ने हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है।
हमास ईरान, सीरिया और लेबनान में शिया इस्लामी समूह हिजबुल्लाह के क्षेत्रीय गठबंधन का हिस्सा है।
यहूदी, इस्लाम और ईसाई धर्म मानने वालों के लिए येरूशलम पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यहां अल-अक्सा मस्जिद स्थित है।
मुस्लिम इसे मक्का मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थल मानते हैं। 35 एकड़ में फैला है, मुस्लिम इसे अल-हरम-अल-शरीफ कहते हैं। यहूदी टेंपल टाउन मानते हैं।
इसी स्थान को लेकर यहूदियों और फिलिस्तिनियों के बीच वर्षों से कई बार जंग होती रही है।