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भारत के महत्वाकांक्षी मिशन मून के तहत चंद्रयान-3 चांद की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है और अब लैंडर विक्रम के अलग होने का प्रोसेस भी शुरू है।
इसरो की तरफ से बताया गया था कि लैंडर 17 अगस्त की सुबह अलग होगा। यानी अब चांद पर भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग बस कुछ ही दिन दूर है।
सबसे पहले लैंडर की की स्पीड को कम किया जाएगा। इसके बाद लैंडिंग के लिए सुरक्षित और रिस्क फ्री एरिया खोजने के लिए लैंडिंग से पहले साइट की इमेजिंग की जाएगी।
चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद 6 पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चंद्रमा पर भारत के निशान छोड़ेगा।
रोवर एक चंद्र दिवस की अवधि के लिए चंद्रमा की सतह का प्रयोग करेगा। बता दें, ये अवधि धरती के 14 दिन के बराबर है। इस दौरान वह चांद से जुड़ी कई अहम जानकारियों को इकट्ठा करेगा।
Chandrayaan-3 को 14 जुलाई को भारत के हेवी लिफ्ट रॉकेट LVM3 के जरिए लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान -3 ने 1 अगस्त को चंद्रमा की ओर प्रस्थान किया था। मून मिशन ने कुल पांच कक्षाएं बदली हैं।