कैसे होती है संसद की सुरक्षा ? कितने घेरे पार कर पहुंचते हैं सदन में
news Dec 13 2023
Author: rohan salodkar Image Credits:our own
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संसद की सुरक्षा में कौन सी एजेंसी शामिल
संसद की सुरक्षा में दिल्ली पुलिस , पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी सर्विस, पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप , सुरक्षा एजेंसियां शामिल होती है।
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फर्स्ट लेयर - दिल्ली पुलिस
संसद की सुरक्षा के सबसे बाहरी घेरे में दिल्ली पुलिस तैनात रहती है।अगर कोई संसद भवन में जाता है या जबरदस्ती घुसने की कोशिश करता है तो सबसे पहले उसे दिल्ली पुलिस का सामना करना होगा।
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सेकेण्ड लेयर - सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी
संसद परिसर के आसपास CRPF, ITBP और NSG के कमांडो होते हैं। दिल्ली पुलिस की SWAT टीम रहती में कमांडो होते हैं, जिनके पास किसी भी खतरे से निपटने के लिए हथियार और वाहन होते हैं।
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थर्ड लेयर- पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप
थर्ड लेयर CRPF के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप ग्रुप का है।जिसमे डेढ़ हज़ार से ज्यादा जवान होते हैं।पीडीजी के पास आतंकरोधी ऑपरेशन के लिए पास से लड़ने वाले हथियार और वाहन होते हैं।
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फोर्थ लेयर -पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस (PSS)
PSS साल 2009 में अस्तित्व में आया।पहले इसे वॉच एंड वॉर्ड के नाम से जाना जाता था।इसका काम संसद में एक्सेस कंट्रोल करना,स्पीकर,सभापति,उप सभापति और सांसदों को सुरक्षा प्रदान करना है।
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PSS के अन्य मुख्य काम भी होते हैं
PSS देश के अहम लोगों की रक्षा के लिए तैनात सुरक्षा सेवाओं से सहयोग का काम भी करती है।जब प्रधानमंत्री संसद पहुंचते हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए SPG के साथ का काम भी PSS का ही होता है।