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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है रामलला के 5 वर्षीय बाल स्वरूप रामलला की मनमोहक मूर्ति देख भक्तों का मन प्रफुल्लित हो गया।
प्रभु श्री राम की मूर्ति में उनके मस्तक के पास स्वास्तिक, सूर्य, गरूणचक्र और ओम तराशे गए हैं।
रामलला की मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार मत्स्य,कूर्म,वराह नरसिंह, वामन, कृष्णा,राम, बुद्ध और कल्कि के भी दर्शन होंगे।
रामलला की मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा यानी इस मूर्ति को जलरोधी डिजाइन में तैयार किया गया है।
श्री राम की मूर्ति के निचले हिस्से को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जहां एक और भक्तों को हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुड़ देव के दर्शन होंगे।
हर साल रामनवमी के मौके पर स्वयं भगवान सूर्य श्री राम की मूर्ति का अभिषेक करेंगे यानी रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे सीधे सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति पर पड़ेगी।
कर्नाटक की मूर्तिकार अरुण योगी राज द्वारा बनाई गई रामलला की मूर्ति 51 इंच लंबी है जिसे श्यामशिला से तैयार किया गया है जिसकी उम्र हजारों साल होती है।
श्री राम की बाल स्वरूप मूर्ति का वजन 200 किलोग्राम है यह मूर्ति कमदल खड़ी मुद्रा में है जहां श्री राम हाथ में तीर और धनुष लिए हुए हैं।
भगवान राम के बाल स्वरूप की मूर्ति ऊपर से लेकर नीचे तक वस्त्रों और आभूषण से सुसज्जित है। उन्होंने कानों में कुंडल तो पैरों में कड़े पहने हुए हैं