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सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है।( marriage equality verdict) कोर्ट ने कहा मैरिज एक्ट में बदलाव करना है या नहीं ये संसद का काम है।
बता दे दुनिया के कई देशों में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता दी गई है वहीं भारत में भी इसे मान्यता देने की मांग पिछले कई सालों से की जा रही थी।
2018 में भारत ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था ऐसे में सवाल है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर क्या फैसला सुनाता हैं।
लेस्बियन गे आदि समुदाय से आने वाले लोगों के पास शादी न करने का अधिकार है ना बच्चा गोद लेने का और ना ही बीमा और विरासत का जो उन्हें कानूनी लाभ लेने से रोकता है।
भारत में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता नहीं मिली है ऐसे में वह पेंशन,बच्चा गोद लेने विरासत संबंधी अधिकार से वंचित रहेंगे।
दुनिया में केवल 34 देश है जहां पर सेम सेक्स मैरिज को मान्यता दी गई है। इनमें से 10 देश में कोर्ट ने फैसला सुनाया जबकि 23 देश में कानूनी तौर पर इसे मान्यता दी गई।
USA, फ्रांस, जर्मनी, पुर्गाल, साउथ अफ्रीका ,अर्जेंटीना ,कनाडा, नीदरलैंड,ऑस्ट्रेलिया ताइवान,बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क समेत कई इसे मान्यता प्राप्त है।
पाकिस्तान अफ़गानिस्तान समेत कई इस्लामी देशों में सेक्स मैरिज को लेकर काफी सख्ती है। शरिया अदालत में मौत तक का प्रावधान है वही युगांडा में उम्रकैद और फांसी का प्रावधान है।