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भारत के इस मंदिर की कॉस्मिक एनर्जी देख NASA भी हैरान,जाने इसके Benefit

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कहां पाया जाता है सबसे ज्यादा गुरूत्वाकर्षण बल (Gravitational force)?

क्या आपको पता है कि धरती पर सबसे ज्यादा गुरूत्वाकर्षण बल (Gravitational force) कहां पाया जाता है। मानव जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। आईए इसके फायदे के बारे में जानते हैं।

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NASA ने कितने स्थानों पर ढूंढा कॉस्मिक एनर्जी का पाॅवर प्वाईंट?

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (American space agency NASA) ने धरती के 3 सबसे बड़े चुंंबकीय पिंंड (Magnetic body) को खोजा है। जिनमें से एक भारत में है। 

 

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उत्तराखंड के अल्मोड़ा में है कॉस्मिक एनर्जी का केंद्र बिंदु

NASA के अनुसार धरती पर 3 स्थान ऐसे पाए गए हैं, जहां सबसे ज्यादा  गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force)  मिलता है। एक स्थान उत्तराखंड के अल्मोड़ा में कसार पर्वत का क्षेत्र है।

 

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भारत की इस ताकत को देख NASA भी हैरान

भारत के उत्तराखंड अंतर्गत अल्मोड़ा स्थित कसार पर्वत क्षेत्र में पाए जाने वाले इस मैग्नेटिक पाॅवर प्वाइंट पर कॉस्मिक एनर्जी की ताकत देख नासा के वैज्ञानिक भी हैरान रह गए।

 

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कसार देवी मंदिर के आसपास का क्षेत्र है वैन एलेन बेल्‍ट का पार्ट

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा  (American space agency NASA) ने जब अल्‍मोड़ा में कसार पर्वत पर रिसर्च करके बताया कि कसार देवी मंदिर के आसपास का क्षेत्र वैन एलेन बेल्‍ट का पार्ट है।

 

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कसार पर्वत की भूमि में बहुत बड़ा भू-चुबकीय पिंड (Geomagnetic objects)

नासा के साइंटिस्टों के मुताबिक अल्मोड़ा के कसार पर्वत की भूमि में बहुत बड़ा भू-चुबकीय पिंड (Geomagnetic objects) हैं।  यहां पर सबसे ज्यादा  गुरुत्वाकर्षण बल पाया जाता है। 

 

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कॉस्मिक एनर्जी क्षेत्र में ध्यान लगाने का होता है बहुत असर

सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर योग ध्यान करने पर मनुष्य को सबसे ज्यादा शांति का अनुभव होता है। इस क्षेत्र की पॉवर एनर्जी आध्यात्मिक एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है। 

 

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बिड़ला फैमली ने कराया था कसार देवी मंदिर का निर्माण

अल्मोड़ा के कसार देवी के मौजूदा मंदिर को वर्ष 1948 में बिड़ला फैमिली ने बनवाया था। इसे अध्यात्म और ध्यान का केंद्र बिंदु माना जाता है। यहां पर ध्यान के लिए लोग अक्सर आते हैं।

 

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बगल में स्थापित है शिवमंदिर

कसार देवी मंदिर के समीप ही एक शिव मंदिर भी है। जिसके बारे में कहा हाता है कि इसका निर्माण 1950  के आस पास कराया गया है। 

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स्वामी विवेकानंद ने किया था गहन अध्ययन

यहां स्वामी विवेकानंद भी शांति की तलाश में आए थे। उन्होंने यहां एक एकांत गुफा में गहन अध्ययन (in-depth study) किया था। पश्चिमी देशों के शांति चाहने वाले लोग यहां आते रहते हैं। 

 

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भारत के बाद सिर्फ अमेरिका व इंग्लैंड में है कॉस्मिक प्वाइंट

कसार देवी मंदिर के आसपास के भूक्षेत्र के अतिरिक्त दक्षिण अमेरिका के पेरू में माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में भी इसी तरह सबसे अधिक गुरुत्वाकर्षण बल पाया जाता है।

 

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NASA ने काफी दिनों तक किया कसार पर्वत पर रिसर्च

इन तीनों स्थान पर खास चुंबकीय शक्ति (magnetic force) पाई गई है। नासा ने काफी समय तक कसार पर्वत पर वैन एलेन बेल्‍ट बनने की वजहों को जानने के लिए भी रिसर्च किया है।
 

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